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हम प्रस्तावित राईट टू रिकॉल-विधायक सरकारी आदेश लागू करवाएंगे

1. भूमिका –

राईट टू रिकॉल-विधायक से एक ऐसी प्रक्रिया का निर्माण होता है जिससे जनता अपने विधायक को 5 साल इन्तेजार किये बिना बदल सकती है | आज, अधिकतर उम्मीदवार जीतने के बाद 5 साल के लिए गायब हो जाते हैं | अधिकतर जनसेवक नागरिकों की शिकायत, समस्याओं और सुझावों को सुनने के लिए कोई सिस्टम नहीं बनाते | आज के सिस्टम में, नागरिकों को हर परिस्तिथि में 5 साल दुःखी होने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता | जब तक बदलने के अधिकार की कानून-प्रक्रिया सरकार द्वारा लागू नहीं किया जाता, हम अपनी वेबसाईट पर पब्लिक एस.एम.एस सर्वर द्वारा राईट टू रिकॉल सिस्टम लागू करेंगे | मतदाता हमारी साईट पर अपने वोटर आई.डी. नंबर के साथ पंजीकृत हो सकते हैं, अपनी शिकायत आदि एफिडेविट पर हमारी वेबसाईट पर अपने वोटर कार्ड नंबर के साथ डाल सकते हैं और उसका समर्थन या विरोध कर सकते हैं | और बहुमत मतदाता अपने जनसेवक को बदलने के लिए दबाव बना सकते हैं |

(A)  राईट टू रिकॉल प्रक्रिया का मतलब उस क्षेत्र के नागरिक उस पद के अफसर को कभी भी बदल सकते हैं | इस प्रक्रिया को नागरिक स्वयं शुरू कर सकते हैं | नौकरी जाने के डर से 99% अफसर अपना कार्य सुधार देते हैं और जो अपना कार्य नहीं सुधारते, उन्हें अच्छे लोगों से बदल दिया जाता है | ध्यान दीजिए, ये प्रक्रिया अफसरों के व्यवहार को सुधार देती है | और अक्‍सर देखा गया है कि जो लोग अपना कार्य सुधार देते हैं, जनता उनको दुबारा भी चुनती है ; इस प्रकार ये प्रक्रिया स्थिरता को भी बढ़ाती है | अधिकतर इन प्रक्रियाओं को लाने के लिए कोई भी संशोधन की आवश्यकता नहीं है, केवल मुख्यमंत्री / प्रधानमंत्री द्वारा सरकारी आदेश की आवश्यकता है |

(B) भारतीय राज व्यवस्था में सबसे बड़ा दोष यह है कि नागरिकों के पास शासकों के सम्मुख अपनी स्पष्ट मांग संगठित रूप से रखने की कोई नागरिक-प्रामाणिक प्रक्रिया नहीं है । उच्च वर्ग के लोग अपने संपर्क द्वारा अपनी कोई बात जनता के सामने रखना चाहें तो वे ऐसा मिडिया के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं, किन्तु यदि आम जनता अपनी कोई मांग या सुझाव शासन के सामने रखना चाहे तो उन्हें अनशन, धरने, हस्ताक्षर अभियान, ज्ञापन, रास्ता जाम आदि असंगठित तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है । किन्तु इन सब तरीकों से कोई 'नागरिक प्रमाणिक' प्रमाण पैदा नहीं होता,  मतलब कोई भी नागरिक स्वयं जांच सके, ऐसा प्रमाण नहीं मिल पाता कि कितने नागरिक किसी विषय या व्यक्ति के समर्थन या विरोध में हैं । नागरिक-प्रामाणिक नहीं होने से इन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता नहीं होती, अफसर पर दबाव नहीं बनता और वे आवश्यक कार्य न करने के लिए कोई बहाना देकर आसानी से फिसल सकते हैं |

pgportal.gov.in जैसी सरकारी साईट में वोटर आई.डी. के साथ शिकायत दर्शाने का विकल्प भी नहीं है, जिससे दूसरे नागरिक ये पता नहीं लगा सकते कि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति असली हैं कि नकली | लेकिन हमारी प्रस्तावित प्रक्रियाओं में नागरिक की राय पहचान पत्र संख्या के साथ प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री वेबसाईट पर आएगी ; कोई भी नागरिक वोटर आई.डी. नंबर राय वाले डाटा का सैम्पल लेकर, राय देने वाले व्यक्तियों का पता निकालकर उनसे संपर्क करके स्वयं पता लगा सकता हैं कि डाटा सही है कि नहीं |

जिन लोगों के पास इन्टरनेट नहीं भी है, वे भी इस प्रक्रिया का उपयोग कर सकेंगे, कलक्टर दफ्तर या निश्चित सरकारी दफ्तर जाकर और अपनी अर्जी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री वेबसाईट पर स्कैन करवाकर | क्योंकि इस प्रक्रिया में कोई भी व्यक्ति कभी भी अपनी राय बदल सकता है, ये प्रक्रिया पैसों, गुंडों, मीडिया द्वारा या अन्य किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं कि जा सकेगी | प्रक्रिया नागरिक-प्रामाणिक होने से कोई भी नागिक स्वयं जांच सकता है कि सच क्या है, क्या नहीं |

जनता से किसी भी प्रकार का समर्थन लेने के लिए हमें सबसे पहले उनको पूरी प्रस्तावित प्रक्रिया दिखानी आवश्यक है | हो सकता है कि वे उस प्रक्रिया को पसंद करें या उस प्रक्रिया पर अपने सुझाव दें या उससे भी अच्छी प्रक्रिया बताएं | लेकिन बिना प्रक्रिया दिखाए, लोगों से समर्थन माँगना उनके साथ धोखा है |

2. भारत में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कुछ कानूनों में से एक कानून जिसका प्रस्ताव रखा है राईट टू रिकाल-विधायक का सारांश

2.1जनता का जांचा जा सकने वाला मीडिया [जिला कलेक्‍टर, मुख्यमंत्री के लिए निर्देश]  कोई भी नागरिक अपनी बात को मुख्यमंत्री वेबसाईट पर अपने वोटर आई.डी नंबर के साथ, कलेक्टर आदि अन्य मुख्यमंत्री द्वारा बताये गए दफ्तर पर जाकर  20 रुपये प्रति पन्ना के एफिडेविट देकर स्कैन करवा सकता है, ताकि बिना लॉग-इन कोई भी इसे देख सकता है
स्पष्टीकरण - इस प्रक्रिया द्वारा नागरिक अपने क्षेत्र के अफसरों के कार्य प्रमाण सहित दूसरे नागरिकों को बता सकते हैं ताकि नागरिक प्रमाण के आधार पर निर्णय कर सकें कि कौन अच्छा कार्य कर रहे हैं और कौन बुरा कार्य कर रहे हैं |

2.2विधायक उम्मीदवार पद के लिए पंजीकरण [जिला कलेक्‍टर के लिए निर्देश]  25 वर्ष से अधिक भारत का कोई भी नागरिक जिला कलेक्टर को एक विधायक के चुनाव के बराबर भुगतान करके खुद को विधायक के लिए उम्मीदवार के रूप में रजिस्टर करवा कर अपना नाम मुख्यमंत्री वेबसाईट पर रखवा सकता है |

2.3नागरिकों द्वारा स्वीकृति (मंजूरी) [तलाटी/पटवारी या उसके क्लर्क को निर्देश] (1.3.1) भारत का कोई भी नागरिक तलाटी (लेखपालपटवारीग्राम अधिकारी) कार्यालय में जाकर मात्र 5 रुपये  शुल्क का भुगतान करकेविधायक पद के लिए अधिकतम पांच व्यक्तियों पर अनुमोदन या स्वीकृति दे सकता है | तलाटी उसे रसीद देगा जिस पर उसका  मतदाता-पहचान-संख्या, अंगुली के छाप और व्यक्तियों के नाम जिसे उसने मंजूरी (अनुमोदन) दी है लिखी होगी | (सुरक्षित मेसेज (एस.एम.एस.) सिस्टम आने पर शुल्क 1 रूपया होगा) | वह पटवारी मुख्यमंत्री के वेबसाइट पर नागरिक के मतदाता-पहचान-पत्र संख्या सहित उसके द्वारा चुने गए  व्यक्तियों के नाम डाल देगा |

(1.3.2)  सुरक्षा धारा (जिसके कारण आम-नागरिक ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि ये प्रक्रिया पैसों से, गुंडों से या मीडिया द्वारा प्रभावित नहीं की जा सकती) नागरिक किसी भी दिन बिना किसी शुल्क, अपना अनुमोदन रद्द कर सकता है |

2.4विधायक उम्मीदवार नया विधायक कब बन सकता है [विधायक को निर्देश] यदि किसी विधायक क्षेत्र की मतदाता संख्या 2 लाख से कम है और किसी भी उम्मीदवार को वर्तमान  विधायक से कुल मतदाता संख्या के 10% अधिक अनुमोदन हो या उस क्षेत्र के सभी मतदाताओं के 50% मतदाताओं का समर्थन है, तो मौजूदा विधायक 7  दिनों में इस्तीफा दे सकता है और सबसे अधिक समर्थन पाने वाले उम्मीदवार का बढ़ावा कर सकता है (या उसे   ऐसा करने की जरूरत नहीं है) | यदि विधायक क्षेत्र की मतदाता संख्या 2 लाख से अधिक है  और किसी विधायक उम्मीदवार के मौजूदा विधायक से कम से कम (कुल मतदाता संख्या की) 5% अधिक स्वीकृति हैं, तो वर्तमान विधायक इस्तीफा दे सकता है |

2.5पुराने विधायक पर अविश्वास प्रस्ताव और नए विधायक का चुनाव [विधानसभा अध्यक्ष, दूसरे विधायकों को निर्देश]
यदि
1.4 धारा के अनुसार स्तिथि है और वर्तमान विधायक 7 दिनों में इस्तीफा नहीं देता है, तो विधानसभा अध्यक्ष प्रस्ताव बुला सकता है विधानसभा में, उस विधायक को निकालने के लिए या ऐसा करना उसके लिए नहीं जरूरी है | विधानसभा अध्यक्ष का फैसला अंतिम होगा | दूसरे विधायक, उस विधायक को निकालने के लिए प्रस्ताव स्वीकृत कर सकते हैं या उन्हें ऐसा करने के लिए कोई  जरूरत नहीं है |
[चुनाव आयोग को निर्देश]  यदि विधायक इस्तीफा दे देता है या निकाला जाता है
, चुनाव आयोग नियम अनुसार नए चुनाव करवा सकती है | अगले चुनावों में, निकाला गया विधायक चुनाव लड़ सकता है |

पूरा ड्राफ्ट tinyurl.com/BrvpRtrMLA पर देखें या हमसे संपर्क करें

     निकम्मे सरकारी नौकरों को अच्छे लोगों से बदलने के अलावा, ये प्रक्रियाएँ आम-नागरिकों द्वारा किसी ईमानदार सरकारी नौकर को पद पर बनाये रखने के लिए भी प्रयोग किये जा सकते हैं यदि नागरिकों को लगता है कि वो किसी अफसर द्वारा गलत तरीके से निकाला गया था |

     इसी तरह, दूसरे राष्ट्रीय/राज्य स्तर पद जैसे  प्रधान-मंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, पार्षदमहापौर, सरपंच  आदि पर राईट टू रिकॉल / राईट टू रिप्लेस की प्रक्रिया-ड्राफ्ट की रूप-रेखा होगी | केवल `विधायक` शब्द को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आदि से बदल दें | अलग-अलग प्रक्रियाओं के लिए सीमा रेखा क्या हो प्रस्तावित पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रणाली के उपयोग से, क्षेत्र के बहुमत मतदाताओं के सहमति द्वारा निर्णय लिया जायेगा | (प्रक्रिया ड्राफ्ट देखें – tinyurl.com/BrvpTcpDraft)

जिन जनसेवक पदों पर करोड़ों आम-नागरिक अपनी स्वीकृति (मंजूरी) देंगे जैसे प्रधानमन्त्री, मुख्यमंत्री, आदि., किसी उम्मीदवार के पास वर्तमान जनसेवक से कम से कम 2% ज्यादा स्वीकृति हों (सारे मतदाताओं के), तो वो नया जनसेवक बन सकता है | यदि जनसेवक पद के आधीन 10-20 लाख मतदाता हों जैसे विधायक, सांसद, आदि तो उम्मीदवार को नया जनसेवक बनने के लिए वर्तमान जनसेवक से कम से कम 5% अधिक मतदाता स्वीकृति की आवश्यकता होगी (सारे मतदाताओं के) |  यदि जनसेवक पद के आधीन 10 लाख या कम मतदाता हों (सारे मतदाताओं के) जैसे पार्षद, सरपंच आदि, तो उम्मीदवार को नया जनसेवक बनने के लिए वर्तमान जनसेवक से कम से कम 10 %  अधिक मतदाता स्वीकृति की आवश्यकता होगी | राईट टू रिकॉल-मुख्यमंत्री ड्राफ्ट - tinyurl.com/BrvpRtrCM

3. कुछ पक्षपात-विरोधी राईट टू रिकॉल प्रक्रियाओं की विशेष धाराएं

   राष्ट्रीय/राज्य स्तर के पदों के सरकारी अफसर, जो चुने नहीं जाते, उन अफसरों को आम-नागरिकों द्वारा बदले जाने वाली प्रक्रियाओं के धाराओं में ये सुरक्षा धाराएं जोड़नी हैं, ताकि जातिवाद या कोई और पक्षपात ना हो

2.6  राज्य के सारे नागरिक-मतदाताओं के  51%  से अधिक अनुमोदन/स्वीकृति को पाने के बाद, मुख्यमंत्री ये कानून को किसी जिले के  लिए 4 साल के लिए रोक कर सकता है और अपने पसंद के अफसर को रख सकता है |

2.7  पूरे भारत के सारे नागरिक-मतदाताओं के  51%  से अधिक अनुमोदन हों तोप्रधानमंत्री इस क़ानून को किसी राज्य में  4 साल तक रोक लगा सकता है और उस राज्य के सारे जिलों में अपनी पसंद के अफसर रख सकता है |

4. नागरिक इन जनहित प्रक्रियाओं को वोटर आई.डी. नंबर समर्थन से कैसे लागू करवा सकते हैं ?

1.  9693938833  पर अपने मोबाइल इन्बोक्स मोबाइल से एक्टिवेशन-एस.एम.एस भेजें इस फोर्मैट में -

   *आपकी-वोटर-आई.डी-संख्या*
(मतलब दो स्टार सिम्बल या चिन्ह के बीच में आप अपना वोटर आई.डी. नंबर डाल कर एस.एम.एस. करे ;
एक मोबाइल से केवल एक ही वोटर आई.डी.) उदाहरण *GDH653091* जहाँ GDH653091 वोटर लिस्ट में वैध वोटर नंबर का उदाहरण

2.  फिर, 9693938833  पर केवल ये चार अंक का एस.एम.एस. भेजें जो इस प्रस्ताव का समर्थन कोड है -

   0011
(केवल ये चार अंक रहेंगे एस.एम.एस. में)

3.  support@brvp.org पर ई-मेल भेजें जिसमें आपका वोटर नंबर, मोबाइल नंबर लिखा हो जिसको आप साईट, sms.brvp.org/hindi पर पंजीकृत करवाना चाहते हैं और आपकी वीडियो पंजीकरण हेतु विनती हो या हमसे संपर्क करें

ये तीन स्टेप करने पर आपकी वोटर आई.डी. के साथ राय यहाँ दिखेगी – sms.brvp.org/tcp 

नोट – यदि किसी करणवश आपके पास वोटर आई.डी. नहीं हैतो आप पहला एस.एम.एस इस प्रकार से भेजें –
*abc1234567*
दूसरा एस.एम.एस उसी प्रकार से रहेंगे जैसे ऊपर बताया गया है | फिरआपका समर्थन अपंजीकृत पेज पर आएगा (आपके मोबाइल के अंतिम 5 अंक के साथ) sms.brvp.org/apanjikrit

इसके अलावाआप (नागरिक) अपने प्रिय नेता या जनसेवक को निम्नलिखित एस.एम.एस. और ट्विट्टर द्वारा ये आदेश भेजकर और सभी को ऐसा करने के लिए कहकर ये प्रक्रिया लागू करवा सकते हैं –

Kripya RTR-MLA prakriya mygov.in/comment/98813051 rajptr mein chhapwayein. FileSha1Hash = 70ec9b5463a65ed283f88df5fa3526edc6bc0847 sms.brvp.org jaisa Public SMS Server banayein jismein logon ki SMS dwara raay unke voter ID no ke saath sabhi ko dikhe

(ऊपर दिए गए एस.एम.एस को डाउनलोड करने के लिए QR कोड स्कैन करें)

·       ट्विट्टर का उदाहरण –

@pmoindia Kripya Bhartiya rajptr mein chhapwayein - mygov.in/comment/98813051 sha1 - 70ec9b5463a65ed283f88df5fa3526edc6bc0847 #RTRMLA

नोट - यदि किसी के पास इंटनेट नहीं है, तो वो किसी ऐसे व्यक्ति, जिसके पास इन्टरनेट है और जिसपर भरोसा करता हो, उसको अपने मोबाइल नंबर के साथ ट्विट्टर खाता खोलने और ऊपर बताया गया ट्वीट उसे एस.एम.एस करने के लिए बोल सकता है | उसके बाद, यदि वो एस.एम.एस 9248948837 को फॉरवर्ड कर देता है, तो उसका ट्वीट पहुँच जायेगा |

 यदि किसी क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में लोगों ने इन प्रस्तावित प्रक्रियाओं का वोटर आई.डी. नंबर प्रमाण के साथ इन्टरनेट पर सार्वजानिक समर्थन दिखाया और अपने जनसेवक से मांग किया तो उस क्षेत्र में ये प्रक्रियाएँ आ जाएँगी और उस क्षेत्र में भ्रष्टाचार, अपराध कम हो जायेगा |

पब्लिक एस.एम.एस. गिनती सर्वर tinyurl.com/PublicSMSServer  ;  फाइल हैश tinyurl.com/FileHashCampaignH देखें या हमसे संपर्क करें