राष्ट्रीय पहचान-पत्र सुधारना
जब तक राष्ट्रिय पहचान-पत्र (आधार कार्ड) मालिक, माता-पिता, रिश्तेदार और बैंक खतों से नहीं जोड़ा जाता और जब तक आधार कार्ड विभाग के प्रमुख को नागरिक बदल नहीं सकते और आधार कार्ड विभाग के स्टाफ पर जूरी मुकदमा सिस्टम लागू नहीं हो जाता, आधार कार्ड पूरी तरह लाभदायक नहीं होगा और उसका दुरूपयोग हो सकता है. इसीलिए, टी.सी.पी. (प्रस्तावित नागरिक प्रामाणिक मीडिया पोर्टल) द्वारा नागरिकों को ये प्रस्ताव भारतीय राजपत्र में डलवाने चाहिए.
इसके अलावा, नीचे बताये गए सुधार लागू करवाने चाहिए –
- एक धारा छापना कि अगर कोई गैर-नागरिक पहचान-पत्र के लिए आवेदन करता है तो उसे कारावास या मृत्यु दंड दिया जायेगा
- एक व्यक्ति के पहचान पत्र को उसके माता-पिता और नजदीकी रिश्तेदारों के पहचान पत्र से जोड़ना
- एक व्यक्ति के पहचान पत्र को मालिक के पहचान पत्र और काम की जगह से जोड़ना
- राष्ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली के सदस्यों पर जूरी द्वारा मुक़दमा चलाना
- एक व्यक्ति के पहचान पत्र को बैंक खाते, पैन कार्ड और डी.एन.ए. कोष से जोड़ना
जब कभी भी खर्च उठने में समर्थ हों, सभी नागरिकों के डी.एन.ए. छाप पहचान-पत्र सिस्टम में जोड़ना चाहिए | शुरुवात में, सभी सरकारी कर्मचारियों और फिर सभी नागरिकों को डी.एन.ए. छाप देना आवश्यक बना देना चाहिए जो रू 10 लाख प्रति वर्ष से ज्यादा कमाते हों, फिर जो नागरिक रू 5 लाख प्रति वर्ष कमाते हों, फिर सभी नागरिक जो रू 2 लाख प्रति वर्ष कमाते हों और फिर सभी नागरिकों को उनकी राशि और समय के अनुसार |
ऐसे कदमों से अवैध घुसपैठियों का पकड़ने और बहार निकलने में मदद मिलेगी | इससे कर-चोरी करने वालों को पकड़ने और सज़ा देने में मदद मिलेगी |
कृपया जानकारी के लिए का smstoneta.com/prajaadhinbharat अध्याय 31 देखें या हमसे संपर्क करें