नैतिक आदर्शों, राष्ट्रीय चरित्र और नैतिक शिक्षा सुधारना
आज, जन्म से एक नागरिक देखता है और सीखता है कि भ्रष्ट कम मीडिया साधन और कम कनेक्शन वाले व्यक्ति द्वारा जमा किये गए सबूत, शिकायत आदि को आसानी से दबा सकते हैं । नागरिक देखता है कि भ्रष्ट आसानी से भ्रष्ट पुलिस,भ्रष्ट जजों और भ्रष्ट नेताओं आदि के साथ सांठ गाँठ कर सकते हैं | इस सांठ-गाँठ की मदद से भ्रष्ट अपना कम निकलवा लेते हैं और उनको सज़ा नहीं होती | और जब तक वे मर नहीं जाते हैं उन पर मामलें सालो के लिए चलते रहते हैं । तो,एक युवा नागरिक सीखता है कि ईमानदार होना से भ्रष्ट होना अधिक फायदेमंद है |
नैतिक मूल्यों, राष्ट्रीय चरित्र और नैतिक शिक्षा में सुधार तभी होगा यदि पुलिस, अदालतों में कम अन्याय और तेजी के साथ मामलों का निपटारा होता है । एक ऐसा देश, जहां पुलिस और अदालत जानबूझकर मामलों में देरी और अन्यायपूर्वक करते है, वहाँ नैतिकता कम रहेगी, चाहे कितना भी प्रचार किया और सिखाया जाता है । एक बार जब हम आमजन सुनिश्चित करेंगे कि पुलिस / अदालत निर्दोष लोगों को परेशान नहीं कर रहे हैं और दोषी को छोड़ते हैं, अपराध, भ्रष्टाचार, पक्षपात और अत्याचार कम हो जायेगा, नैतिक मूल्यों और नैतिक शिक्षा में अपने आप सुधार होगा ।
हम भारत में नैतिक शिक्षा में सुधार करने के लिए निम्नलिखित राजपत्र ड्राफ्ट प्रस्ताव कर रहे हैं-
- पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रणाली – यह नागरिक मीडिया पोर्टल के द्वारा नागरिक यदि चाहे तो अपने सबूत, शिकायत आदि की कॉपी अपने मतदाता संख्या के साथ, प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर रख सकतें हैं | इससे यह सुनिश्चित होगा कि जमा किये गए सबूत, शिकायत आदि को आसानी से दबाया नहीं जा सके । अगर यह कानून राजपत्र में डाला जाता है, तो लोगों को सीख मिलेगी कि बुरे काम जैसे अपराध, भ्रष्टाचार करने पर वे जनता में सबूत के साथ बेनकाब हों सकते हैं और उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा । पिछले भाग में इस प्रस्ताव की अधिक जानकारी देखें ।
- जूरी सिस्टम, जजों पर राईट टू रिकॉल – इससे फैसले जल्दी और न्यायपूर्ण आयेंगे । यह व्यक्ति को सिखायेगा कि कानून तोड़ने और समाज को नुकसान पहुँचाने पर सजा मिलेगी और व्यक्ति के लिए एक नुकसान होगा ।
- राईट टू रिकॉल पुलिस प्रमुख, पुलिसकर्मियों पर जूरी सिस्टम – नौकरी जाने के डर के कारण पोलिस-कर्मी जमा किये गए सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और सही से जांच करेंगे |
- मंत्रियों की तरह अन्य महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर रिकॉल – यह नागरिक को सिखायेगा कि अनैतिक व्यवहार करने से नौकरी जा सकती है |
- कानून को विषय के रूप में सिखाना – कानून-ड्राफ्ट को छात्रों के लिए एक विषय के रूप में सिखाना चाहिए | किस काक्षसे कानून सिकाने की शुरुवात होगी, माता-पिता की स्वीकृति से निर्णय किया जायेगा । इससे छात्र को यह जानने में और तय करने में मदद मिलेगी कि कौन सा कानून नैतिक है और कौन सा अनैतिक है ताकि वे सरकारी कर्मचारियों को अनैतिक कानूनों को हटाने के लिए निर्देश कर सकें ।
कृपया अधिक जानकारी के लिए का smstoneta.com/prajaadhinbharat अध्याय 66 देखें या हमसे संपर्क करें